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मदनमोहन मालवीय व उसकी सामाजिक विचारधारा

राकेश कुमार
Page No. : 59-66

ABSTRACT

भारत समाज अनेक देवी-देवताओं मंे विश्वास करता है। देश में कन्याओं की हत्या, बाल विवाह, विधवाओं की दयनीय दशा, वेश्यावृत्ति, विवाह-विच्छेद, छुआछूत जैसी कुप्रथाएँ समाज को खोए जा रही थी। समाज सुधार का कार्य मध्यम वर्ग के उस शिक्षित वर्ण ने उठाया जिन्होंने अंग्रेजी साहित्य के माध्यम से आधुनिक यूरोप के समाज सुधार विचारों को ग्रहण किया, क्योंकि उनके अन्दर हीन भावना आ चुकी थी। इस शिक्षित समाज में ब्रह्म समाज के संस्थापक राजाराम मोहनराय, स्वामी दयानन्द सरस्वती, रानाडे और मदनमोहन मालवीय का नाम मुख्य रूप से आता है। इन महान पुरुषों ने अनेक प्रकार के समाज-सुधार संगठनों की ओर समाज में फैली कुरीतियों को जड़ से उखाड़ने का बीड़ा उठाया मदन मोहन मालवीय जैसे ही सामाजिक और राजनीतिक अखाड़े में आये तो समाज में एक नई स्फूर्ति और एक नई ज्योति फैल गई।


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Multidisciplinary Coverage

  • Agriculture
  • Applied Science
  • Biotechnology
  • Commerce & Management
  • Engineering
  • Human Social Science
  • Language & Literature
  • Mathematics & Statistics
  • Medical Research
  • Sanskrit & Vedic Sciences
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