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"सन् 1940 में पंजाब की सामाजिक एवं आर्थिक दशा"

डॉ दर्शना देवी
Page No. : 211-218

ABSTRACT

पंजाब की अर्थव्यवस्था का आधार कृषि था। 80 प्रतिशत जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि था। जमीन उन क्षेत्रों में थी जहां पहले पानी नहीं लगता था अब उन क्षेत्रों में नई नहरें निकल गई थी तथा 85 प्रतिशत् औसत जमीन मालिक के पास जमीन की कमी नहीं थी बल्कि उनके खेत कई-2 जगह पर थे।कृषि मालिकों की भूमि का अलग-अलग जगह होने का मुख्य कारण उत्तराधिकारी के कारण बंटवारा था। किसानों को आड़तियों या दूसरे धनी लोगों से रूपये लेने पड़ते थे वे मन माना ब्याज वसूलते थे। 89 प्रतिशत् किसानों की, ऐसी दशा हो गई थी कि किसानों को अपनी कीमती जमीनें आड़तियों व कर्जदाताओं को गिरवी रखनी आरम्भ कर दी थी। कुछ ने बेचनी भी आरम्भ कर दी थी। पश्चिमी पंजाब के कुछ नगरों व शहरों के आर्थिक जीवन में हिन्दु वाणिज्यिक जाति प्रभुत्वशाली थी।


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