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भारत –पाक सम्बन्ध में भारत की विदेश नीति की भूमिका
डॉ. महेंद्र सिंह, सुनीता कुमारी
Page No. : 99-106
ABSTRACT
डॉ. महेंद्र सिंह
अंतर्राष्टीय राजनीतिक स्तर पर किसी देश के साथ संबंधो के निर्माण में किसी भी देश की विदेश नीति महतवपूर्ण भूमिका निभाती है | विदेश नीति का इतिहास से गहरा सम्बन्ध होता है। भारत की विदेश नीति का सम्बन्ध इतिहास और स्वतन्त्रता आन्दोलन से है। विरासत के रूप में भारत की विदेश नीति उन सभी ऐतिहासिक तथ्यों को समेटे हुए है जिनका जन्म भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन से के कारण हुआ था। भारत का शान्तिपूर्ण सहअस्तित्व व विश्वशान्ति का विचार हजारों वर्ष पुराने सोच और सिधान्तो का परिणाम है जिसको स्वामी विवेकानंद , महात्मा बुद्ध व महात्मा गांधी जैसे विचारकों ने अपना सहयोग प्रदान किया था। उपनिवेशवाद, साम्राज्यवाद व रंगभेद की नीति का विरोध भारत की विदेश नीति में महान राष्ट्रीय आन्दोलन से उत्पन्न हुआ है। विश्व के अधिकांश देशों के साथ भारत के औपचारिक राजनयिक सम्बन्ध हैं। भारत जनसंख्या की दृष्टि से का चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। दुनिया की सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक शासन व्यवस्था वाला देश भारत को माना जाता है भारत की अर्थव्यवस्था विश्व की बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। स्वतंत्रता के बाद से ही भारत ने अधिकातर देशों के साथ मैत्रीपूर्ण और सद्भावनापूर्ण संबंधों को बनाए रखा है। 1990 में शीतयुद्ध की समाप्ति और सोवियत संघ के विघटन के बाद से भारत ने आर्थिक तौर पर भी विश्व की राजनीति को प्रभावित किया है। भारत ने सामरिक तौर पर विश्व पटल पर अपनी शक्ति को बनाए रखा और विश्व शान्ति में वह अपना महत्वपूर्ण योगदान करता आ रहा है। साथ लगते दो पडोसी राज्यों ,पाकिस्तान व चीन के साथ भारत के तनावपूर्ण संबंध अवश्य हैं लेकिन भारत के रूस ,इजरायल और फ्रांस सामरिक एवं रक्षा संबंध स्थापित है। चीन के अंतरराष्ट्रीय राजनीति में बढ़ते प्रभाव के कारण से भारत -अमेरिका के घनिष्ठ संबध हुए है।
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