Issue Details
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन: अधिनियम 2019
पिंकी .
Page No. : 62-65
ABSTRACT
जम्मू कश्मीर भारत के सबसे उत्तर में स्थित राज्य है। इसके उतरी क्षत्रे (पाक अधिकृत कश्मीर) पर पाकिस्तान व अक्साई चीन पर चीन कब्जा किए हुए है। भारत ने इन क्षत्रेो पर अवैध अधिकार माना है। जबकि पाकिस्तान, भारतीय जम्मू-कश्मीर को एक विवादित क्षेत्र मानता है। प्राचीन काल में कश्मीर (महर्षि कश्यप के नाम पर) हिन्दू और बौद्व संस्कृतियों का पालन कर रहा हैं। वर्ष 1947 में कश्मीर का विलय भारत में हुआ। आजादी के समय कश्मीर में पाकिस्तान ने घुसपैठ करके कश्मीर के कुछ हिस्से को अपने अधिकार क्षेत्रा में ले लिया था। भारत ने यह मामला 1 जनवरी 1948 को ही राष्ट्र संघ में पेश किया था। परन्तु अभी तक कोई निर्णायक फसैला नहीं हुआ है।भारत की स्वतंत्र के समय महाराजा हरिसिंह यहाँ के शासक थे। वह अपनी रियासत को स्वतंत्रता राज्य रखना चाहते थे। शेख अब्दुला के नेतृत्व में मुस्लिम कान्फ्रेस, कश्मीर की मुख्य राजनैतिक पार्टी थी। कश्मीरी पंडित शेख अब्दुल्ला और राज्य के ज्यादातर मुसलमान कश्मीर का भारत में विलय चाहते थे। भारत आजादी के समय से ही एक धर्मनिरपेक्ष देश रहा है। उस समय पर प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने मोहम्मद अली जिन्नाह से विवाद जनमत संग्रह से सुलाझाने की पेश की।जिन्नाह ने उस समय इस प्रस्ताव को इंकार कर दिया, क्याेिक उनको अपनी सैन्य कारवाई पर पुरा विश्वास था।महाराजा हरिसिंह ने शेख अब्दुल्ला की सहमति से भारत में कुछ शर्तो के तहत् विलय कर दिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करता है। समय के साथ-साथ भारत की राजनीतिक परिस्थितियो बदलती गई। संविधान के अनुसार यह समस्त भारत एक राष्ट्र है। फिर जम्मू कश्मीर एक अलग अगं नही है। इसलिए संसद ने संविधान के अनुच्छेद 370 तथा धारा 35-ए को समाप्त कर दिया गया है। सरदार वल्लभ भाई पटेल जी के सपने को साकार आधार पद्रान किया गया है। यह मोदी सरकार का एक साहसिक कदम माना गया है। अब समस्त भारत देश एक परिवार है और सभी राज्य का समान दर्जा होगा। संविधान के समस्त कानून सभी राज्यों पर समान रूप से लागू हागेे।
FULL TEXT