महर्षिअरविन्दऔरराष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 दोनों ने अध्यापक की भूमिकाऔरस्थिति के संदर्भमें यह मानाहैकि, शिक्षा सम्बन्धीज्ञानविद्यार्थियोंको अध्यापकों द्वाराप्रदानकरनाचाहिए, न कि उन परथोपनाचाहिए। अध्यापक कोविद्यार्थियों का एक सच्चामित्र एवंपथ-प्रदर्शकहोनाचाहिए।जिसतरहराष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 मेंकहागयाहैकि अध्यापकों की व्यावसायिक व मर्यादासम्बन्धीबुराइयांेकोसमाप्तकरने के लिए व्यावसायिक वनैतिकसंहितातैयारकरनाचाहिए और यह सुनिश्चितकरनाचाहिए कि अध्यापक उस मानदण्ड के अनुसारकार्यकरे।
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