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स्थितिजन्य लंबी कविता-आत्म संघर्ष के विभिन्न आयाम: ‘संशय की एक रात’

राजेश, डॉ. राजकुमार नाईक
Page No. : 50-56

ABSTRACT

रचनाकार की दृष्टि प्रांतीय एवं राष्ट्रीय सीमाओं का अतिक्रमण करते हुए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच जाती है। मनुष्य ही उनकी रचना का एकमात्र लक्ष्य है। लंबी कविता के संदर्भ में प्रतिकूलताओं के बीचों बीच संघर्षरत आम आदमी की त्रासदी ही उसका विषय है। अतः लंबी कविता आधुनिक मनुष्य को ही नहीं, उनकी स्थिति को भी समग्रतः संप्रेषित करने वाली कविता है।


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