मालाणी क्षेत्र के रेगिस्तान के लिए जल अनमोलहै इस मालाणी क्षेत्र में जल कोसहेजकर रखने की परम्परासदियों से चलीआरहीहै। इस मालाणी के थार के मरूस्थल मेंतो जल की महत्वअधिकहै।वर्षा ऋतुमेंबादलों द्वाराप्रदतपानीको ‘पालरपानी’ की संज्ञा से नवाजागयाहै। यहाँ मरूस्थल क्षेत्र मेंवर्षा कम होने के कारण यहांरहनेवालेमनुष्य से लेकरजीवजन्तुओंतक के प्राणी पानी की एक - एक बूंदकोतरसजातेथे।पानी के लिए यहां के लोगभगवान से अर्जकरतेरहेहैं:-पाणीड़ोबरसार्देम्हारारामरे, ऊभा-ऊभाजोवांथारीबांटरे, पाणीड़ोबरसार्देम्हारारामेरे। इस मालाणी क्षेत्र मेंकईमीलदूर-दूरकुएंे, तालाब, नाडी, टांका, कुई या बेरीइत्यादिमें जल एकत्रित करने की परम्परारहीहै। जल हैतोकलहै मालाणी क्षेत्र मे सतही जल का कोई स्त्रोत नही हैऔरभूतल मे मीठेपानी का भारीअभावहै। जल प्रकृति की ओर से दियागयावहअमूल्य उपहारहैजो न केवलमनुष्य बल्किसमस्त प्राणी जगत के लिए जीवन का आधारहै।हमलोगोकोइस उपहार का बहुतहीसहीतरीके से दोहनकरनाचाहिए।सारांशमेंकहाजासकताहैकि यहां जल कोप्राणों का रक्षकमानाजाताहैथाजिसेआज के समय में ‘जल ही जीवन’ की संज्ञादीहै। यह कहावतही नही बल्किवास्तविकताहैपानीसृष्टि का आधारहै, मानव जीवन कोसुरक्षित रखने के लिए पानी का कितनामहत्वहै इस बात का अहसास मालाणी क्षेत्र के निवासीयों से ज्यादाकिसेहोसकताहै ? सरकारोंकोचाहिए किगांव मे निर्मितहरसार्वजनिकपरिसम्पतियों मे कम से कम 10 प्रतिशतजनभागीदारीअवश्य होनीचाहिए जिसेआमजनताको यह लगेकि ये हमारीसम्पतिहै।इसकी रक्षा हमेहीकरनीहै।
Copyright © 2023 IJRTS Publications. All Rights Reserved | Developed By iNet Business Hub