आठवेंदशक का कविऔरनारी
पूनमपुत्री श्री धर्म सिंह
Page No. : 5-9
ABSTRACT
स्त्री अपनीअस्मिता की चुनौतीकोस्वीकारकररहीहै। ऐसेबहुत से क्षेत्र हैं; जहांपहलेपुरूषों का वर्चस्वथालेकिनअब उस क्षेत्र मेंस्त्रियां भीकाबिजहोरहीहैं। स्त्री समाजकोरचसकतीहैं, बनासकतीहैंलेकिन यह परिवर्तन घर से शुरू करनाहोगा। यह समाज यदिबदलसकताहैतो स्त्री ही इसे बदलसकतीहै।
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