शैली एक कड़ी है जो भाषा और साहित्य को जोड़ने वाली संकल्पना है। जिसके संदर्भ में कहा जा सकता है। शैली कलात्मक सौन्दर्य की अभिव्यक्ति की भाषित संरचना हैं। मृणाल पांडे जी ने अपनी शैली में मुहावरों, लोकोक्ति का बड़ा ही सुंदर वर्णन किया है, जिससे भाषा अधिक रुचिकर बन गई है। मृणाल जी के साहित्य में बिम्ब सौन्दर्य भी उत्कृष्ट कोटि का है। इसमें उन्होंने अपनी कल्पना शक्ति और कलागत प्रतिभा के आधार पर भावोद्बोधक बिम्बों की रचना की है। देशज, विदेशज, तत्सम्, तद्भव शब्दों का भी बड़ा सुंदर प्रयोग किया गया है।
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