Archives

  • Home
  • Archive Details
image
image

महिला व कमजोरवर्गकोसशक्तबनानेमेंशिक्षा का योगदान

दिनेश कुमार, डॉ. एच. आर. घरपणकर
Page No. : 1-7

ABSTRACT

शिक्षा का वास्तविकअर्थमानव के संतुलितविकासमेंनिहितहैअर्थात् जिससेमानव का शारिरिक, मानसिक, भौतिक एवंनैतिक शक्तियों का विकासहोताहै, उसेशिक्षा कहाजाताहै। यह निःसंदेहसत्य हैकिमहिला या स्त्री शिक्षा मानवकल्याणतथामानवउत्थानहेतूअधिकमहत्वपूर्ण व आवश्यक है।शिक्षा मानव जीवन का प्रमुख अंग है।शिक्षा व्यक्ति की जन्मजात शक्तियों के स्वाभाविकऔरसामजंस्यपूर्णविकासमें योगदानदेतीहै।उसकीव्यक्तिकता का पूर्णविकासकरतीहै, उसेअपनेवातावरणमेंसामजंस्य स्थापितकरनेमेंसक्रिय सहयोगदेतीहै।शिक्षा के द्वारा न केवल एक राष्ट्र की महिला एवंकमजोरवर्गकोसशक्तबनायाजासकताहै, बल्किउसकासर्वांगीणविकासहीइसके द्वारासंभवहै।शिक्षा सभ्य समाज का प्रतीकइसीकारणमानीजातीहैकिउसमेंव्यक्तिअपनी जीवन शैली का विकासअन्याय, अपराध, अनाचारदबाव, दमन, उत्पीड़नवभय आदिकुरीतियों से बचकरकरसकने की क्षमता रख पाताहै।


FULL TEXT

Multidisciplinary Coverage

  • Agriculture
  • Applied Science
  • Biotechnology
  • Commerce & Management
  • Engineering
  • Human Social Science
  • Language & Literature
  • Mathematics & Statistics
  • Medical Research
  • Sanskrit & Vedic Sciences
image