मानव-मूल्यों के अंतर्गत धार्मिक एवं नैतिक मूल्यों का सबसे विशिष्ट स्थान है। इन मानव-मूल्यों से ही समाज, देश तथा विश्व को सत्य की ओर ले जाया जा सकता है, क्योंकि मानव-मूल्यों से मानव अपने जीवन में अच्छाई बुराई की पहचान कर स्वयं को सत्य के साथ जोड़ लेता है और जब व्यक्ति का सुधार हो जाएगा तो सारा संसार स्वयं सुधार जाएगा। मानव को सत्य की ओर ले जाने वाले धार्मिक-नैतिक मूल्य ही हैं। धार्मिक-नैतिक मूल्य ही व्यक्ति को समाज मंे संयत आचरण के लिए विवश करते हैं। नैतिक आचरण हमारे जीवन को नियमित एवं निर्देशित करते हैं। लेकिन आज समय में कुछ बदलाव आया है और मानव धार्मिक-नैतिक मूल्यों की अनदेखी करने लगा है जो कि न स्वयं मानव के लिए बल्कि समाज के लिए भी घातक है। जो समाज को पतन की ओर ले जा सकती है। डॉ. ज्ञान सिंह मान ने इन मूल्यों को अपने साहित्य में अच्छे-बुरे दोनों रूपों में दिखाकर अन्त में धार्मिक-नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए मानव को तत्पर दिखाया है। उन्होंने अपने साहित्य में दिखाया है कि किस प्रकार मानव अपने धर्म के रास्ते से भटक गया है। धर्म का आधार नैतिकता है, तो नैतिकता को अपने धर्म का पालन करके निभाया जा सकता है। इसलिए लेखक ने मानव को नैतिक मूल्यों को जीवन में धारण करने की सलाह दी है ताकि सब प्रेम-प्यार से तथा शान्तिपूर्वक जीवन व्यतीत कर सकें।
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