मृणालपाण्डे के साहित्य मेंसांस्कृतिकजीवन-दर्शन
सुशीला, डॉ.शकीलामुस्तफा
Page No. : 37-41
ABSTRACT
मृणालपांडेजी ने अपनेसाहित्य मेंजहाँ भारतीय संस्कृतिपरपड़तेहुए पाश्चात्य संस्कृति के प्रभावकोउकेराहैऔरबारीकी से भारतीय संस्कृति का भीवर्णनकियाहै।भारतीय विदेशीसंस्कृति के प्रभावमेंआकरविनाश की तरफ बढ़ रहेहैंजोबिल्कुलगलतहै।हमारीभारतीय संस्कृति की विश्वमेंअपनी एक पहचानहै, छापहै।
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