आठवेंदशक का कविऔरनारी
रामभगत, डॉ.रमेशसूजेे
Page No. : 11-15
ABSTRACT
स्त्री अपनीअस्मिता की चुनौतीकोस्वीकारकररहीहै। ऐसेबहुत से क्षेत्र हैं; जहांपहलेपुरूषों का वर्चस्वथालेकिनअब उस क्षेत्र मेंस्त्रियां भीकाबिजहोरहीहैं। स्त्री समाजकोरचसकतीहैं, बनासकतीहैंलेकिन यह परिवर्तन घर से शुरू करनाहोगा। यह समाज यदिबदलसकताहैतो स्त्री ही इसे बदलसकतीहै।
FULL TEXT