हिन्दीकविता की राष्ट्रीय परम्परामेंरामनरेश त्रिपाठी का अपनावैशिष्ट्य है। ये द्विवेदीऔरछायावाद युग के प्रतिष्ठितकविथे।इनकीप्रमुख रचनाओं का स्वरउदात्तदेश-प्रेमऔरबलिदान की भावनारहाहै।समकालीनपरिस्थितियों का यथार्थचित्रण करउदात्तराष्ट्र-प्रेमऔरआदर्श जीवन मूल्यों की प्रतिष्ठाही इनके साहित्यिक जीवन की धुरीथा।उन्होंनेतत्कालीनराष्ट्रीय आन्दोलनोंमेंसक्रिय भागलिया, वेकईबारजेलभीगये।देश के प्रतिअगाध प्रेमही ‘पथिक’ काव्य में मुखरितहुआहै।पथिककाव्य मेंराष्ट्रीय चेतना के प्रसारको मुख्य उद्देश्य मानने के साथ-साथअनेकअन्य ऐसेभीपक्ष हैंजिन्हेहममूलराष्ट्रीय चेतना का पथिक कह सकतेहैं।उदात्तमानवप्रेम, आदर्श यथार्थ का समन्वय, अहिंसा, सर्वात्मवाद, कर्मयोग की प्रेरणा की अभिव्यक्ति इनके काव्य की मुख्य विशेषतारहीहै।
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