नाथ साहित्य भारतीय सांस्कृतिक धारा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह साहित्य मुख्य रूप से नाथ पंथ के संतों और उनके अद्वितीय दर्शन पर आधारित है। नाथ पंथ के संतों का जीवन संघर्ष, भक्ति, योग, और साधना से जुड़ा हुआ थाए जो भारतीय समाज और संस्कृति में गहरे प्रभाव छोड़ गए। हिंदी साहित्य में नाथ पंथ से संबंधित कई जीवनीपरक उपन्यास लिखे गए हैं, जिनमें इन संतों के जीवन की कहानी और उनके धार्मिक विचारों का चित्रण किया गया है। यह शोध पत्र नाथ साहित्य पर आधारित हिंदी के जीवनीपरक उपन्यासों का सांस्कृतिक अध्ययन प्रस्तुत करता है, जिसमें नाथ पंथ के विचारों, उनके जीवन के प्रभाव और इन उपन्यासों की सांस्कृतिक प्रासंगिकता पर चर्चा की जाएगी।
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