मुंशी प्रेमचंद हिंदी साहित्य के महान रचनाकारों में से एक हैं। उनका साहित्य भारतीय समाज की जटिलताओं, मुद्दों और परंपराओं का गहरा चित्रण करता है। प्रेमचंद ने समाज में महिलाओं की स्थिति, उनके संघर्षों और उनकी भूमिका को अपने लेखन में अत्यंत प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत किया। उनका लेखन न केवल सामाजिक और राजनीतिक संदर्भों को उजागर करता है, बल्कि नारी चेतना को भी एक विशेष स्थान देता है। इस शोध पत्र का उद्देश्य प्रेमचंद के साहित्य में नारी चेतना के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करना है।
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