भारतीय फैशन की होड़ में सम्मिलित युवतियों के सामाजिक शैक्षिक स्तर का अध्ययन
कुसुम लता द्विवेदी, डॉ. मंजू कुमारी
Page No. : 52-58
ABSTRACT
फैशन वह है जिसे किसी भी समय समाज द्वारा स्वीकार और अपनाया जाता है। दूसरे शब्दों में यह किसी व्यक्ति या लोगों के समूह का जीवन शैली विवरण है। इस अर्थ में यह मानवीय गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करता है। लोग हर दिन फैशन से निपटते हैं और परफेक्ट दिखने के लिए पागल हो जाते हैं या तो यह वर्तमान परिदृश्य या पिछले समय की बात है, जो किसी व्यक्ति की संस्कृति, समाज और दृष्टिकोण से प्रकट होता है। मोटे तौर पर यह व्यक्तित्व का प्रतिबिंब है जो प्राचीन काल से लगातार बदलता रहा है। यह एक नदी के बराबर हो सकता है। एक नदी हमेशा गतिमान रहती है, निरंतर बहती रहती है। कभी-कभी यह धीमा और कोमल होता है, और कभी-कभी यह जल्दी और अशांत होता है। यह रोमांचक है और कभी भी एक जैसा नहीं होता है। यह उन लोगों को प्रभावित करता है जो इसके करंट की सवारी करते हैं और जो इसके किनारों पर आराम करते हैं।
कपड़े प्रमुख कारक हैं जो किसी के व्यक्तित्व को बनाने या नष्ट करने के लिए फैशन और शक्तिशाली उपकरण को दर्शाते हैं, अक्सर इसे ग्लैमर और स्टाइल (क्रेन 2000) के पर्याय के रूप में उपयोग किया जाता है। यह एक लैटिन शब्द ‘‘ फेसरे ‘‘ से आया है जिसका अर्थ है ‘बनाना‘ और यह शिल्प कौशल और तकनीक के नियम का पालन करने के विचार को वहन करता है। यह कपड़े, बाल या अन्य सामान के लिए लोकप्रिय स्टाइलिश डिजाइनों में नए के अर्थ को भी संदर्भित करता है। व्यक्तित्व को सजाने के लिए (ऑक्सफोर्ड, 2010) (निर्मला, 2008) के अनुसार वर्तमान प्रवृत्तियों में परिधान के प्रकार और इसे पहनने के लिए बड़ी आबादी को फैशन कहा जाता है।
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