भावोंऔरविचारों की अभिव्यक्ति के लिए मानवकोभाषा की आवश्यकताहोतीहैतथादूसरे के विचारोंतथाभावोंकोजानने के लिए भीभाषा की आवश्यकताहातीहै। ऐसीभाषाजोउसकेसंदेशकोसहीढंग से सम्प्रेषितकरसके।बच्चनजी की काव्य भाषामेंसार्वत्रिक संसक्ति के बड़े यथार्थचित्र मिलतेहैं। इनके द्वारारचितकाव्य सोद्देश्य है।जिसकेमूलकथ्य कोइन्होंनेबडे़ प्रभावशाली शैलीमेंपाठकोंतकपहुँचायाहै।
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