ष्ऋतंवदाष्4 अध्यायोंतथा 510 श्लोकोंमेंरचित एक मुक्तककाव्य है। यद्यपि अन्य मुक्तककाव्यों की तरह इस काव्य का वर्ण्यविषय भीविभिन्नसुभाषितअथवासूक्तियांहैं,परंतुइनमें से अधिकांश का विषय पूर्वमुक्तकपरंपरा से सर्वथाभिन्नहै।संभवतरूइसकाकारणलेखक का यह उद्देश्य हैजिसमेंवहसंस्कृत साहित्य कोअद्यतनसमाज एवंसाहित्य से जोड़नेमेंप्रयासरतहै।परिणामतरूष्ऋतंवदाष्के मुक्तकों का केंद्रबिंदुआज का व्यक्तिहै।कवि की यह रचनाउसकीबहुमुखीप्रतिभा एवंउत्कृष्ट अध्ययनशीलता का ही परिणामहै।
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