सामुदादियक या सामाजिक विकास एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके अन्तर्गत सभी पक्षकार समुदाय की आर्थिक सामाजिक व सांस्कृतिक विकास के लिये मिल जुल कर प्रयास करते है। विभिन्न समुदायों को राष्ट्र की मुख्य धारा में जोड़ने का कार्य करते है। तथा इस बात का भी प्रयास करते है कि वे राष्ट्र के विकास में अपना योगदान दे। परिवर्तन के परिणाम व कारणों को विकास कहते है। परिवर्तन भौतिक, तकनीकी, आर्थिक् व सामाजिक, सांस्कृतिक संगठनात्मक, राजनैतिक व दृष्टिगत भी हो सकता है। विकास किसी स्थान विषेष में या किसी समयविषेष में परिवर्तन को इंगित करता है। सकारात्मक परिवर्तन ही विकास है तथा नकारात्मक परिवर्तन पतन। भारतीय परम्परागत दृष्टि से सोचे तो सृष्टि का हर व्यक्ति सुखी एवं स्वस्थ हो की कामना ही सामुदायिक विकास का आधार है
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