सांख्यदर्षन सत्कार्यवाद का समर्थक है, सत्कार्यवाद का अर्थ है कि कार्य कारण में सत् होता है। अर्थात कार्य न तो कोई नवीन वस्तु है, न ही कोई नया आरम्भ बल्कि वह कारण को ही बदली हुई व्यवस्था है। इस परिवर्तन को नया आरम्भ करने के स्थान पर कारण को व्यक्त अवस्था कहना उचित है। अर्थात कारण में कार्य पहले अवयक्त या और अब व्यक्त हो गया है।
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