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हरिवंशराय ‘बच्चन’ के काव्य का प्रोक्तीय अध्ययन

डालचन्द गुप्ता, डॉ.राजकुमार नाईक
Page No. : 18-21

ABSTRACT

भावों और विचारों की अभिव्यक्ति के लिए मानव को भाषा की आवश्यकता  होती है तथा दूसरे के विचारों तथा भावों को जानने के लिए भी भाषा की आवश्यकता हाती है। ऐसी भाषा जो उसके संदेश को सही ढंग से सम्प्रेषित कर सके। बच्चन जी की काव्य भाषा में सार्वत्रिक संसक्ति के बड़े यथार्थ चित्र मिलते हैं। इनके द्वारा रचित काव्य सोद्देश्य है। जिसके मूल कथ्य को इन्होंने बडे़ प्रभावशाली शैली में पाठकों तक पहुँचाया है।


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