ष्हरियाणा गौरवम् आचार्य महावीर प्रसाद शर्मा की कृति है। यह 447 श्लोकों में निबद्ध एक खंडकाव्य है, जिसमें 4 सर्गों में हरियाणा प्रदेश का गौरवगान है। कवि ने युधिष्ठिर काल से लेकर अथावधि हरियाणा का सांस्कृतिक, राजनैतिक, सामाजिक चित्रण इस ढंग से किया है कि प्रत्येक युग साकार हुआ सा लगता है, शेष कहने को कुछ रह ही नहीं जाता। यह हरियाणा की पूर्ण गाथा है।
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