बहुमुखी प्रतिभा के धनी पं0 मदन मोहन मालवीय एक विराट मानव थे। समकालीन विभूतियों की दृष्टि में मालवीय जी त्यागराज, नरवीर, भारतीय राजनीति के वरिष्ठ सदस्य, महान निर्माता, महान शिक्षा शास्त्री, और क्रान्तिकारी समाज-सुधारक थे। वास्तव में मालवीय जी महामानव थे। उनका संपूर्ण जीवन एक ऐसा दर्पण था, जिसमें उदारता, कर्त्तव्यपरायणता, दायित्व परायणता, क्षमाशीलता, प्रजावत्सलता, मौलिकता, गंभीरता, विद्यानुराग, संस्कृत निष्ठा, राष्ट्रवादिता, सेवा आदि अनेक गुण हर क्षण प्रतिबिम्बित होते रहते थे।1 अनेक भाषाओं, धर्मों और जनों से भरी हुई यह भारत भूमि उन्हें प्राणों से भी अधिक प्रिय थी। इसके प्रति एकान्त निष्ठा, भक्त्ति और सेवा का मूर्त रूप ही उनका व्यक्तित्त्व था।2
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