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शिक्षा और सामाजिक परिवर्तन
चरत लाल मीना, विवेक मीना
Page No. : 66-71
ABSTRACT
इस शोध पत्र में शिक्षा से ही सामाजिक परिवर्तन संभव है, इस बात पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा के द्वारा ही लोगों की मनोवृतियों में परिवर्तन होता है और इस व्यवहार के लिए शिक्षा ही उन्हें प्रेरित करती है। शिक्षा ही व्यक्ति का मानसिक विकास करती है तथा साथ में सामाजिक चारित्रिक नैतिक तथा सांस्कृतिक ज्ञान का विकास करती है। शिक्षा के द्वारा ही सांस्कृतिक सुधारवादी आंदोलन का जन्म हुआ है। समाज अपनी आवश्यकताओं तथा आदर्श के अनुसार शिक्षा का स्वरूप निर्धारित करता है। शिक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान से लोगों के दृष्टिकोण और विचार बदल जाते हैं इस बदलाव के कारण समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाते हैं। शिक्षा समाज को समय अनुरूप बदलने का एक माध्यम है। शिक्षा के कारण ही लोगों का दृष्टिकोण अंधविश्वास, रूढ़िवाद, पुरुषवाद आदि से हटकर तर्कवाद और प्रगतिवाद की तरफ मोड़ा जा सकता है। शिक्षा से ही बड़े-बड़े परिवर्तनों को देख सकते हैं जो कि परिवार, समुदाय, जाति आदि में हुए हैं। सामाजिक परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति की मानसिक क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करती है। जब कोई व्यक्ति शिक्षित हो जाता है, तो उसे इस बात का भान हो जाता है कि उसके लिए क्या उचित है और क्या अनुचित है।
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