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ज्ञानसिंह मान के उपन्यासों में धार्मिक एवं नैतिक मूल्य
डॉ. प्रतिमा शर्मा
Page No. : 18-62
ABSTRACT
धार्मिक और नैतिक मूल्यों का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, क्योंकि ये व्यक्ति को अच्छाई और बुराई में फर्क समझाते हैं और उसे सत्य की ओर मार्गदर्शन करते हैं। जब व्यक्ति सुधरता है, तो समाज और विश्व भी सुधार सकते हैं। हालांकि, आजकल लोग इन मूल्यों की अनदेखी करने लगे हैं, जिससे समाज में अंधविश्वास, पाखंड और हिंसा फैल रही है। डॉ. ज्ञान सिंह मान ने अपने साहित्य में इन मूल्यों की रक्षा की आवश्यकता को उजागर किया है, यह दिखाते हुए कि कैसे धर्म और नैतिकता के नाम पर समाज में कुरीतियाँ और अनैतिकता बढ़ रही हैं। उन्होंने दिखाया कि व्यक्ति के नैतिक पतन के कारण समाज में बलात्कार, नशा और अन्य अमानवीय कृत्य हो रहे हैं। लेखक ने इन कृत्यों का विरोध करते हुए आदर्शवादी जीवन जीने का संदेश दिया और बताया कि जब व्यक्ति सच्चे धर्म और नैतिकता को अपनाता है, तो उसका जीवन सुखमय होता है और समाज में शांति और प्रेम की भावना फैलती है।
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